Indian hatchery Barharwa me hai. मुर्गी पालने वालों के लिय बेहतरीन मोका।

बरहरवा मे है इंडियन हैचरी ( Indian hatchery Barharwa me hai ) जहां सोनाली मुर्गी के चूजे, के साथ साथ देसी मुर्गी, कड़कनाथ मुर्गी, और बत्तख के बच्चे भी उपलब्ध है।

इंडियन हैचरी मुर्गी, बत्तख के चूजे के साथ फ़ीड और मुर्गी फार्म मे लगने वाले दवाईयां भी देती है।

और साथ ही मुर्गी पालन की सभी तरह की जानकारी भी देता है।

Indian hatchery Barharwa
इंडियन हैचरी बरहरवा

Indian hatchery Barharwa Address

Pakur road, near hero showroom, Barharwa, Dulampur, Jharkhand 816110

Google map पर लोकैशन देखें।

इंडियन हैचरी से संपर्क करने के लिय Click करें।

बरहरवा मे मुर्गी पालने वालों के लिय बेहतरीन मोका

इंडियन हैचरी बरहरवा के नजदीकी गाँव और शहरों मे मुर्गी के चूजे भेजती है, और साथ ही मुर्गी पालन मे होने वाली समसियाओं से निदान के लिय सहायता भी करती है,

Sonali, Desi, Kadaknath, Indian Runner, khaki campbell, Chicks Available. मुर्गी और बत्तख के बच्चे लेने के लिय क्लिक करें।

मुर्गी के बच्चे एक दिन से 7 दिन किस तरह से पालते है जाने।

नए फार्मर जो पहली बार मुर्गी पाल रहे है, यां मुर्गी फ़ार्मिंग शुरू करना चाहते है, इंडियन हैचरी एक दिन के चूजे को पालने से ले कर बड़ा होने तक सारी जानकारी देता है,

इंडियन हैचरी की टीम से वाट्सअप पर अप मुर्गी मे हो रही बीमारियों से ले कर मुर्गी पालने वाली किसी भी तरह की जानकारी प्राप्त कर सकते है।

बरहरवा के आसपास के शहरों मे सबसे ज्यादा मुर्गी किस नस्ल की पालि जाती है?

नजदिनी शहर बरहरवा मे जैसे साहिबगंज, न्यू फरक्का, मालदा, राजमहल, और पाकुर मे सब से ज्यादा पाले जाने वाली सोनाली मुर्गी है,

सोनाली मुर्गी पालने के कई फायदे है।

जल्दी बड़ी होने के साथ साथ सोनाली मुर्गी, शुद्ध देसी मुर्गी से ज्यादा अंडे भी देती है,

सोनाली मुर्गी और शुद्ध देसी मुर्गी मे अंतर क्या है, जानने के बाद ही मुर्गी फार्म शुरू करें।

कड़कनाथ मुर्गी की स्तिथि क्या है बरहरवा मे।

इंडियन हैचरी बिक्री और फार्मर के अनुभव के आधार पर पता चला है।

कड़कनाथ मुर्गी की ज्यादा कीमत को देखते हुय कई फार्मर ने पहले कड़कनाथ मुर्गी को पाला, मगर कड़कनाथ मुर्गी को सेल करने मे कई सारी समसियाओं का सामना करना पड़ा,

जैसे

कड़कनाथ मुर्गी की ज्यादा कीमत होने से कम लोग खरीदते है, और कड़कनाथ मुर्गी की चमड़ी काले रंग की होती है।

जिस से मास भी काला काला सा नजर आता है। जिस कारण बहुत लोग खाना पसंद नहीं करते।

ग्रामीण क्षेत्रों मे कड़कनाथ मुर्गी का मास इतना ज्यादा पसंद नहीं किया जा रहा, इस लिय अगर आप कड़कनाथ मुर्गी फर्मिन करना चाहते है।

तो पहले आपको बाजार मे कड़कनाथ मुर्गी की क्या मांग है पता करना चाहिय।

नहीं हो आपको अच्छा खासा नुकसान उठाना पड़ सकता है।

कड़कनाथ मुर्गी फ़ार्मिंग के बारे मे और जाने,

Kadaknath murgi palan

बत्तख पालन करना चाहते है तो बरहरवा मे मिल रहा है बत्तख के बच्चे इंडियन हैचरी मे

बरहरवा के नजदीकी क्षेत्रों मे पिछले चार सालों के मुकाबले बत्तख पालन बहुत ज्यादा संखिया मे पाला जा रहा है।

जिसमे इंडियन हैचरी का बहुत बड़ा योगदान है। इंडियन हैचरी बत्तख के चूजे के साथ साथ फ़ीड और दवाइयाँ भी देती है।

और अपने ग्राहकों को बत्तख पालन की जानकारी भी देता है।

एक दिन के बत्तख के बच्चे को किस तरह से पालते है।

बरहरवा मे बत्तख पालन बढ़ने का सबसे बड़ा कारण तलाव और झील का होना है, बरसातों के दिनों मे पानी हर तलाव और कई खेतों मे भर जाता है।

जिसका फायदा बत्तख पालन करने वाले किसान भाई उठाते है।

बत्तख पानी मे चरने वाले होते है। जिस से फ़ीड का खर्च बहुत कम हो जाता है।

बरहरवा के नज़दीकि क्षेत्रों मे किस परजाति के बत्तख अधिक पाले जाते है।

इंडियन हैचरी के बिक्री के आधार से पता चला है की बरहरवा के नज़दीकि क्षेत्रों मे इंडियन रन्नर और खाकी कमबोल बतख अधिक मात्र मे पाला जाता है।

इंडियन रन्नर बत्तख को मास और अंडे के लिय और खाकी कमबोल बतख को भी अंडे और मास के लिय पाला जाता है।

मगर खाकी कमबोल बतख, अंडे ज्यादा देती है

बत्तख पालन मे भी नुकसान हो सकता है?

अगर आप पहली बार बत्तख पालने जा रहे है तो आपको पहले से योजना बनाना है।

अगर आप बिना योजना के बत्तख पालन करने जा रहे है तो आपको नुकसान हो सकता है।

बत्तख पालन कई प्रकर से किया जाता है।

अपने क्षेत्र को देखते हुय सही योजना को चुन कर बत्तख पालन कर के अच्छा मुनाफा करें।

बत्तख पालन के बारे मे जाने:

इस लेख के महत्वपूर्ण वाक्य, Indian hatchery Barharwa me hai. बरहरवा मे मुर्गी पालने वालों के लिय बहतरीं मोका।

बरहरवा मे मुर्गी पालने वालों के लिय बहतरीं मोका

बरहरवा के आसपास के शहरों मे सबसे ज्यादा मुर्गी किस नस्ल की मुर्गी पालि जाती है?

बत्तख पालन करना चाहते है तो बरहरवा मे मिल रहा है बत्तख के बच्चे इंडियन हैचरी मे

बरहरवा के नज़दीकि क्षेत्रों मे किस परजाति के बत्तख अधिक पाले जाते है।

बत्तख पालन मे भी नुकसान हो सकता है?

मुर्गी पालन से हर महीने कर सकते हैं 25 से 30 हजार की कमाई

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