murgiyon ke bacche कीमत और पालने की विधि।
murgiyon ke bacche कीमत और पालने की विधि।
मुर्गी के बच्चे कहाँ मिलते है?
मुर्गी के बच्चे की कीमत क्या है?
मुर्गी के बच्चे पालने की विधि।
मुर्गी के बच्चे को क्या खिलाएँ
मुर्गी के बच्चे में होने वाली बीमारी।
मुर्गी के बच्चे को बीमार होने से कैसे बचाएँ।
बीमार मुर्गी के बच्चे का इलाज।
मुर्गी के बच्चे को जल्दी बड़ा कैसे करें?
मुर्गी के बच्चे स्वस्त है याँ बीमार कैसे जाने?
मुर्गी के बच्चे को बड़ा करने तक कितना खर्चा होता है?
मुर्गी के बच्चे कितने दिन में अंडे देने शुरू करेंगे?
मुर्गी के बच्चे मर रहे है क्या करें।
चूजे सुस्त और कमजोर हो रहे है।
.murgiyon ke bacche. मुर्गी के बच्चे कहाँ मिलते है?
मुर्गी ,बत्तख़, के बच्चे ( One day Chicks ) आपको किसी हैचरी से बड़ी ही आसानी से मिल जाते है।
जैसे इंडियन हैचरी
इंडियन हैचरी पूरे भारत मे मुर्गी, और बत्तख़ के चूज़े देते है।
जो सरकार दुआरा रजिस्ट्रेशन किया हुआ एक प्रिवेट कंपनी है।
इंडियन हैचरी शुद्ध सोनाली, देसी, कड़कनाथ, और बत्तख़ के चूज़े आपको उचित कीमत में देते है।
मुर्गी और बत्तख़ के चूज़े लेने के लिये सम्पर्क करें।
Sonali, Desi, Kadaknath, Indian Runner, khaki campbell, Chicks Available
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मुर्गी के बच्चे की कीमत क्या है?
मुर्गी के बच्चे की कीमत 18 से 20 रुपये होती है।
मगर चूज़े की कीमत कभी भी एक जैसा नही रहता।
सीजन में चूजे की कीमत 32 से 35 रुपये जा सकता है।
और ऑफ टाइम में 16 से 18 रुपये तक कीमत होती है
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मुर्गी के बच्चे पालने की विधि।
एक दिन से सात दिन तक मुर्गी के बच्चे को पालने की विधि को ब्रोडिंग कहते है।
एक दिन के चूज़े को पालने की विधि
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मुर्गी के बच्चे को क्या खिलाएँ
एक दिन से, सात दिन तक मुर्गी के बच्चों को खिलाए जाने वाले फ़ीड ( दाना ) में उचित मात्रा में, विटामिन और खनिज पदार्थों का होना बहुत जरूरी होता है।
जिसके लिये बाजार में मिलने वाला फीड, प्री स्टार्टर फ़ीड खास, मुर्गीयों के बच्चों के लिये बनाया जाता है।
जिसमे जरूरत के हर पोषण तत्व को ध्यान में रख कर बनाया जाता है।
इस लिये प्री स्टार्टर फ़ीड खाने से, मुर्गी का बच्चा ( चूज़ा ) जल्दी बड़ा हो जाता है। और बीमारी से भी बचा रहता है।
अगर आप घर का बना देसी फ़ीड खिलाते है।
ध्यान रखने की जरूरत है। देसी फ़ीड में होने वाले आहार में मुर्गी के लिये । उचित खनिज पदार्थों का शामिल होना जरूरी है।
देसी फ़ीड में आम चावल, मकई, बाजरा, घेहुँ, आधी शामिल होते है।
देसी फीड बनाने में ध्यान रखें।
मुर्गी को कभी भी एक ही अनाज से बना फीड न खिलाएँ। किसी भी एक अनाज में मुर्गी के लिये सभी पोषण तत्व नही होता।
इस लिये फीड बनाने के लिये अगर आपके पास कोई फारमूला नही है तो आप अपने दीड में जितने ज्यादा अनाज को शामिल करें।
जिस से ज्यादा संभावना बनती है कि आपके फ़ीड में मुर्गी के लिये सभी पोषण तत्व मिल जाने के, देसी फ़ीडब्के साथ मिर्गी को लिवर टॉनिक, और मल्टीविटामिन , देना बहुत जरूरी हो जाता है। जिस से खनिज पदार्थों की कमी को पूरा किया जा सके।
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मुर्गी के बच्चे में होने वाली बीमारी।
चूजे में होने वाली बीमारियां। murgiyon ke bacche
- सुस्त हो जाना
- दस्त हो जाना
- पंख ढीला हो जाना
- आंखे बंद हो जाना
- मृत्यु दर ज्यादा हो जाना।
सुस्त हो जाना:-
मुर्गी के बच्चे सुस्त होने के ओरमुख कारण
एक दिन के चूज़े को 34% से 36% तापमान में रखने की जरूरत होती है।
कम याँ अधिक तापमान में चूज़े सुस्त होने लग जाते है।
दस्त हो जाना:-
एक से सात दिन के चूजों को दस्त हो जाना आम बात है।
जिसका इलाज करना बहुत जरूरी होता है।
इलाज नाहई करने से चूजे का विकास रुक जाता है। और साथ ही मल त्याग करने का रास्ता बंद हो जाता है जिसके कारण चूज़े मारने लग जाते है।
इलाज के लिये VETNOR-TZ दवाई दे सकते है।

पंख ढीला हो जाना:-
पंख नीचे कर देना चूज़ा बीमार होने का लक्षण होता है।
अच्छा फीड का ना होना, लिवर कमजोर, दस्त, अमोनिया गैस, इंफेक्शन, जैसे समसयाओं से चूजे पंख नीचे कर देते है।
आंखे बंद हो जाना:-
फार्म की साफ-सफाई में कमी के कारण चूजों की आंखों में समसियां हो जाती है।
जैसे।
अगर चूजे के बिछावन में चूजे की बिट का ज्यादा मात्रा में होना।
जिस सके अमोनिया गैस बनती है। जो चूजों की आंखों में पानी कनिकलने का कारण बनता है।
जिसके चलते चूजों के आंख चिपकने लग जाते है।
मृत्यु दर ज्यादा हो जाना:-
एक दिन के चूज़े को अच्छे गुणवत्ता वाला फ़ीड नही देने से, और सही तापमान में न रखने से चूज़े मारने लग जाते है।
चूज़े पालने हो रही समसियां से छुटकारे के लिये नीचे कंमेंट करें साथ मे अपना मोबाइल नंबर भी दें। हमार टीम आपके समसयाओं से निपटने के लिये सहायता करेगी
मुर्गी के बच्चे को बीमार होने से कैसे बचाएँ।
Lixen Power. और Tetracycline आप दोनों में से कोई भे दे सकते है। अपनी मुर्गी को बीमार होने से बचने के लिये।

ध्यान दें.
Lixen Power. और Tetracycline देने का तरीका जब भी दे लगातार 3 दिन तक दे दीं में एक बार,
अगले 12 से 14 दिन बाद फिर 3 दिन तक दे.
Lixen Power. और Tetracycline
जरूरत से ज्यादा मात्रा मुर्गी के ग्रोथ को रोकता है।
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बीमार मुर्गी के बच्चे का इलाज।
चूज़े के बिट, आंखें, पंख को देख कर बीमारी को पहचाना जा सकता है।
हमेशा इस पर ध्यान रखें।
आम तोर पर अगर चूजे दो तीन से ज्यादा बीमार रहते है। तो उनका इलाज करना थोड़ा मुश्किल होता है।
इस लिये समय रहते इलाज चुरू कर देना चाहिये।
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मुर्गी के बच्चे को जल्दी बड़ा कैसे करें?
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मुर्गी के बच्चे स्वस्त है याँ बीमार कैसे जाने?
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मुर्गी के बच्चे को बड़ा करने तक कितना खर्चा होता है?
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मुर्गी कितने दिन में अंडे देना शुरू करेंगे?
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मुर्गी के बच्चे मर रहे है क्या करें।
.चूजे सुस्त और कमजोर हो रहे है।
.अक्सर देखा गया है घर में मुर्गी के बच्चे पालने वालो के बच्चे 10 -12 दिन के बाद चूजे सुस्त हो जाते है।
जे समसियां खरीदे गए चूज़ों में देखने को ज्यादा मिलती है। किउंकि चूज़ों को पालने वाली चूज़े की माँ उनको साथ ले कर नही घूमती ।
मुर्गी, बत्तख़, अपने बच्चों को कीड़े, दाना, घास, आदि खिलाती है जिस से चूज़े की विटामीन और खनिज पदार्थ पूरी हो जाती है।
मगर जब आप चूज़े बाजार से खरीद कर लाते है। तो उन्हें चावल, रोटी, मकई, बाजरा, आदि खिलाते है। जिस से चूज़े की विटामिन, और खनिज पदार्थों की पूर्ति नही होती।
यही कारण है कि चूज़े 10-12 दिन में में ही कमजोर और बीमार होने लगते है।
चूज़े का विटामिन, और खनिज पदार्थों को पूरा कैसे करे?
मुर्गी, बत्तख़ को देसी फ़ीड दे कर उसकी विटामिन, और खनिज पदार्थों की कमी को पूरा करना एक मुश्किल काम है।
मगर आप सही से ध्यान रखते है तो काफी हद तक विटामिन, और खनिज पदार्थों को पूरा कर सकते है। सबसे आसान तरीका बाजार प्री स्टार्टर फ़ीड आपकी बड़ी ही आसानी से मिल जाता है।
चूज़ों को तब तक प्री स्टार्टर फ़ीड खिला सकते है। जब तक कि वो इतने बड़े नही हो जाते की घूम-घाम ( चर ) कर अपना पेट भरना नही सीखते।
अगर आप बाजार का फ़ीड लेने में असमर्थ है तो आप चूज़े को ऐसा दाना ( फ़ीड ) दें जिसमे 18-20% प्रोटीन की मात्रा हो, और साथ मे मल्टीविटामिन दें।
जिस से आपके चूज़े की ग्रोथ अछि होगी।
चूज़े को ऐसा क्या दें। जिसमे 18-20% प्रोटीन हो।
आप देसी फ़ीड में जितने ज्यादा अनाज हो सके शामिल करें। और प्रोटीन के लिये। सुखी मश्ली, मूंग दाल, सोयाबीन, में से कोई अपने फ़ीड में शामिल करें। जो आपके देसी फ़ीड में प्रोटीन की मात्रा को बड़ा देगा।
indian hatchery tips:- murgiyon ke bacche
आप अगर मुर्गी पालन में माहिर है तभी देसी फीड बना कर खिलाएँ।
नही तो बाजार का फ़ीड खिलाएँ जे आपके चूज़े के लिये बेहतर विकल्प होगा।
मुर्गी पालन से जुड़ी कोई भी बात आप हमारी indian hatchery टीम से पूछना चाहते है तो आप नीचे कॉमेंट करें । हम जल्द आपके सवालों के जबाब देने की कोशिश करेंगे।
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