घर मे देसी मुर्गी पालन कर रहे है, तो जे पोस्ट आपके लिय है, इस पोस्ट मे हम बताएंगे, घर मे मुर्गी पालन के क्या क्या सावधानियाँ रखने की जरूरत होती है जिस से मुर्गियाँ कम बीमार पड़ेंगी, और किस तरह से आप मुर्गियों की संखिया को बड़ा सकते है।
घर मे देसी मुर्गी पालन कैसे कर सकते है।
मुर्गी का चुनाव : –

घर मे मुर्गी पालने के लिय ऐसी मुर्गी का चुनाव करना चाहिय जिसकी रोगप्रतिरोधक शक्ति ज्यादा हो।
और जो अपने अंडों से चूजे निकलती हो और उन्हे पालती हो।
शुद्ध देसी मुर्गी मे जे सारे गुण होते है
शुद्ध देसी मुर्गी कहाँ से लें?
अगर आप बहुत ज्यादा संखिया मे देसी मुर्गी पालन करना चहते है तो आप हैचरी से लें।
दो चार मुर्गी पालन के लिय।
अगर आपको शुद्ध देसी मुर्गी की परख है
तो आप किसी फार्म से ले सकते है। क्योंकी संभब है,
फार्म मे मुर्गी को बीमारी से बचाने वाले वैक्सीन किया हो।
जिस से मुर्गी बीमार होने का जोखिम कम जाता है।
अगर आपको शुद्ध देसी मुर्गी का पहचान करना नहीं आता तो आप मुर्गी यां मुर्गियों के बच्चे किसी के घर से लें सकते है,
जो मुर्गी अपने अंडों से चूजे निकालती हो और चूजे को पालती हो।
किसी के घर से मुर्गी ला कर घर मे पालने के कई फायदे है।
जैसे इन मुर्गियों की रोगपरतिरोधक शक्ति बहुत ज्यादा होती है,
इस लिय जे मुर्गियाँ कम बीमार पड़ती है,
और इन मुर्गियों पर ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत नहीं होती जे दिन भर घूम फिर कर अपना पेट भर लेती है।
मुर्गी की देख रेख कैसे करें?
मुर्गी के रहने वाली जगह को साफ रखें, गंदी जगह मे मुर्गी को रखने से मुर्गी बीमार हो जाती है।
ध्यान दें मुर्गी को रखने वाली जगह हवादार हो
और थोड़ा खुला खुला हो नहीं तो मुर्गी को coryza हो सकता है।
घर मे रहने वाली मुर्गी पर ध्यान देने वाली कुछ बातें।
- मुर्गी के चरने वाली जगह दूषित ना हो अगर मुर्गी गंदे पानी यां गंदे परियावर्ण मे घूमती है, तो मुर्गी बीमार होने का जोखिम बड़ जाता है।
- अगर मुर्गी एक ही जगह पर बैठी रहने लगे यां सुस्त सुस्त लगे तो जे किसी बीमारी का संकेत हो सकता है। ऐसा होने पर जल्द किसी मुर्गी पालन जानकार से बात करें। यां डॉक्टर से सलाह लें।
- ध्यान दें शाम होने पर मुर्गी को दाना ( फ़ीड ) और साफ पानी दें कभी कभी देखने मे ऐसा लगता है की मुर्गी सारा दिन घूम फिर कर पेट भर लेती है। मगर अक्सर ऐसा होता नहीं।
- मुर्गी बीमार होने के संकेत को समझे। अक्सर मुर्गी बीमार होने से पहले दस्त हो जाता है।
बीमार मुर्गी के इलाज के लिय यां मुर्गी के चूजे लेने के लिय संपर्क करें।
अगर आप 300 से अधिक मुर्गों से मुर्गी पालन शुरू करना चहते है।
तो आप www.indianhatchery.in पर जा सकते है। यहाँ पर आपको शुद्ध देसी मुर्गी मिल जाएगी
और अन्य परजाति की मुर्गी भी मिल जाएगी।
बीमार मुर्गी के इलाज के लिय आप हमारे साथ संपर्क कर सकते है।
अपनी बीमार मुर्गी का विडिओ बना कर हमे भेजें।
हमारे एक्सपर्ट विडिओ देख कर आपकी मुर्गी का इलाज किस तरह से किया जा सकता है बताएंगे।
विडिओ भेजने के लिय स्क्रीन पर दिए व्हाट्सअप मे जाएं।
यां नीचे कॉमेंट करें।
देसी मुर्गी से जुड़े कुछ सवालों के जबाब
12 से 16 अंडे देने के बाद शुद्ध देसी मुर्गी कुड़क होती है।
180 की होने के बाद देसी मुर्गी अंडे देना शुरू कर देती है।
शुद्ध देसी मुर्गी के पैर छोटे होते है, और वजन 1 किलो 400 ग्राम से ज्यादा नहीं होता जे शुद्ध देसी मुर्गी की सबसे बड़ी पहचान होती है।
शुद्ध देसी मुर्गी के कई रंग की होती है जैसे लाल,काले, सफेद, भूरे रंग जिसमे धारीदार कई रंग का मिश्रण हो सकता है।
5 साल से 6 साल आम तौर से जीती है मगर सही देखरख से 10-11 साल भी जीने की क्षमता रखती है।
इस लेख के महत्वपूर्ण वाक्य, घर मे देसी मुर्गी पालन कैसे कर सकते है, और किन बातों का ध्यान रखने की जरूरत होती है।
घर मे देसी मुर्गी पालन कैसे कर सकते है।
शुद्ध देसी मुर्गी कहाँ से लें?
घर मे रहने वाली मुर्गी पर ध्यान देने वाली कुछ बातें।
बीमार मुर्गी के इलाज के लिय यां मुर्गी के चूजे लेने के लिय संपर्क करें।
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