बत्तख के चूजे ब्रूडिंग की पूरी जानकारी। Batakh Ke Chuje Palne Ki Vidhi.

बत्तख के चूजे ब्रूडिंग करते समय बहुत सारी सावधानियाँ रखने की जरूरत पड़ती है, मुर्गी और बत्तख के चूजे ब्रूडिंग करने मे बहुत अंतर होता है,फार्मर को बत्तख के चूजे ब्रूडिंग की पूरी जानकारी नहीं होने से बहुत नुकसान हो जाता है, जे लेख थोड़ी बड़ी है मगर इस लेख को इंडियन हैचरी एक्सपर्ट के वर्षों के अनुभव से लिखा गया है। इस लेख मे हम एक से सात दिन तक बत्तख के चूजे कैसे पालते है जानेंगे।

अगर आप बत्तख के चूजे की ब्रूडिंग इंडियन हैचरी की दी गई जानकारी के अनुसार करते है, तो आप 2% से 3% मृत्यु दर (mortality) से बत्तख के चूजे को एक से सात दिन तक पाल सकते है। चूजे पालने मे किसी भी प्रकर की समसिया होने पर आप हमारे एक्सपर्ट से बात कर सकते है।

बत्तख के चूजे ब्रूडिंग करने मे लगने वाले समान

  1. लकड़ी का बुरादा।
  2. पेपर और पॉलिथीन ( तिरपाल का टुकड़ा )।
  3. गुड़
  4. ड्रिंकर
  5. फीडर
  6. मल्टीविटामिन
  7. लिवर टॉनिक
  8. चुना
  9. pre starter feed
  10. थर्मामीटर (HTC)
  11. रूम हीटर
  12. चिक्कस गार्ड

बत्तख के चूजे ब्रूडिंग करने से पहले की तयारियाँ

बतख के चूजे को फार्म मे लाने से पहले,

फार्म की साफ सफाई कर चुना छिड़क दें, बत्तख चूजे ब्रूडिंग करने के लिय दो जगह चाहिय होगी

एक मे बत्तख के चूजे फीडिंग ड्रिंकइंग करेंगे, और दूसरे मे आराम करेंगे।

चिकस गार्ड से दो गोल आकार का दो घेरा बनाए।

एक घेरे मे लकड़ी का बुरादा बिछा दें।

बुरादा बिछाने का तरीका

अगर आपके फार्म मे तापमान 36℃ से कम रहता है, तो ऐसे हालात मे 3 से 4 इंची लकड़ी के बुरादे बिछाए।

और अगर आपके फार्म का तापमान 36℃ रहता है, तो आप आधे इंची से एक इंची बुरादे को बिछा सकते है,

गर्मी के मॉसम मे अगर दिन मे 40℃ से ऊपर चल जाता है, और रात मे 32℃ से 33℃ हो जाता है तो आप सिर्फ पेपर को बिछा कर एक से सात दिन तक बत्तख के चूजे की ब्रूडिंग कर सकते है,

ध्यान दें

जितना ज्यादा मोटा बुरादे को बिछाएंगे। उतना ज्यादा आपको मेहनत करना पड़ेगा, किउकी एक से दो दिन मे ही चूजे लकड़ी के बुरादे को गंदा कर देती है, और अगर साफ-सफाई मे कमी होती है, तो चूजे बीमार हो जाते है।

और अगर आपने बहुत कम बुरादे को बिछाया और तापमान बहुत ठंडा है। तो चूजों को ठंड लगने का जोखिम राहत है।

इस लिय फार्म की अछे से जांच करें, की तापमान कितना राहत है दिन मे और रात मे उसके आधार पे बुरादे को बिछाए।

और ऊपर से पेपर बिछा दें। और तापमान को बढ़ाने वाले उपकरण ( हीटर ) को लगा दें,

दूसरे घेरे में सिर्फ पेपर को बिछाए। और तापमान को बढ़ाने वासले उपकरण ( हीटर ) लगा दें।

घेरे के अंदर तापमान कितना है जांच करें,

जिसके लिय थर्मोमीटर ( HTC ) का पर्योग करें,

तापमान 36℃ से कम है तो हीटर का उपयोग करें, और तापमान को 36℃ के निकट रखें,

ध्यान दें बतख के चूजे लाने से पहले सुबह के तापमान की जांच भी करें,

सुबह के समय तापमान गिर जाता है,

आपको सुबह के समय देखना है, क्या आपके तापमान को बढ़ाने वाले उपकरण तापमान को 36℃ तक रखने के योग्य है जां नहीं,

अगर नहीं है तो उपकरणों को बढ़ाने की जरूरत होगी।

एक सुझाव

अगर आपके पास तापमान को बढ़ाने वाले उपकरण कम है तो आपको लकड़ी के बुरादे वाले घेरे मे तापमान को बढ़ाने वाले उपकरण लगाना चाहिय

जिस घेरे मे सिर्फ पेपर बिछा है उस मे तापमान को बढ़ाने वाले उपकरण नहीं लगाने से भी आप चूजे को पाल सकते है।

बत्तख के चूजे ब्रूडिंग करने की विधि

पहले दिन से सातवें दिन तक हर परक्रिया को विस्तार से समझेंगे इन दिनों मे हमें क्या क्या समसियाओं का सामना करना पड़ सकता है, उन्हे भी देखेंगे,

बत्तख के चूजे ब्रूडिंग का पहला दिन

चूजे फार्म मे आते ही, घेरे के अंदर के तापमान की जांच करें, 36℃ से तापमान कम है तो तापमान को बढ़ाने वाले उपकरण को चला दें, लकड़ी के बुरादे वाले घेरे मे पेपर के ऊपर चूजे को छोड़ें, चूजे को घेरे के अंदर छोड़ते समय चूजे की जांच करें, जो चूजे चल नहीं सकते, लंगड़ा कर चलने वाले चूजे, कमजोर चूजे को अलग करें, उन्हे अलग किसी जगह मे रखें।

बत्तख के चूजे ब्रूडिंग की पूरी जानकारी
बत्तख के बच्चे

500 चूजों मे से 2 से 4 चूजे ऐसे निकाल ही जाते है जो कमजोर होते है, यां लगड़े होते है, ऐसे चूजे को अलग रखने से उनके ठीक होने के ज्यादा संभावना होती है। अगर ऐसे चूजे को अलग नहीं रखा गया तो, अछे चूजों मे दब जाने का जोखिम बना राहत है,

चूजों को घेरे मे छोड़ने के बाद। अगर मॉसम ज्यादा ठंडा है तो चूजे के पीने वाले पानी को 40℃ तक गरम करें। और एक लिटर पानी मे 50 से 60 ग्राम के हिसाब से गुड को गोलें,

और बत्तख के चूजे को ड्रिंकर मे पीने के लिय दें,

और साथ ही प्री स्टार्टर फ़ीड मे थोड़ा पानी मिला कर हल्का भीगा लें जिस से फ़ीड चूजे के गले मे लगने का जोखिम कम हो जाता है और पॉलिथीन ( तिरपाल के टुकड़े ) मे फ़ीड को जगह जगह पर रखें,

पॉलिथीन मे फ़ीड देने से चूजे जल्दी फ़ीड खाना सिख जाते है। छोटे फीडर, या प्लेट वाले फीडर मे भी फ़ीड खाने के लिय दें।

चार से पाँच घंटे बाद, पानी को बदल दें, अगर दिन का समय है तो पानी मे मल्टीविटामिन और अगर रात हो गया है तो पानी मे लीवर टॉनिक एक लीटर पानी मे 4ML के हिसाब से मिला कर दें,

मल्टीविटामिन ठंडा होता है इस लिय मल्टीविटामिन हमेशा दिन मे देना चाहिये।

सात दिन के ब्रूडिंग मे आपको हमेशा ध्यान रखना है,

चूजे को भीगने से बचना है, बत्तख के चूजे पानी मे खुद को भिगाने से ज़रा भी नहीं हिचकिचाते चाहे उन्हे ठंड लग रही हो तब भी नहीं,

फीडिंग और ड्रिंकइंग करते समय अगर चूजे ज्यादा भिग जाते है, तो तुरंत फीडर, ड्रिंकर को हटा दें। और तब तक ना दें जबतक की वो अछे से सुख नहीं जाते,

अधिकतर बतख के चूजे भीगने से मरते है।

फ़िडीन ड्रिंकइंग करने के दौरान दो चार चूजे पूरी तरह से भीग सकते है। हाला की वो तब स्वस्त नजर आ रहे होते है, मगर कुछ समय बाद ही उन चूजों के बॉडी का तापमान कम होने लगता है, जिस से कई सारी समसियाँ पैदा हो जाती है जैसे गर्दन घूम जाना, एक जगह खड़े रहना, पलकें खुली रहना, शरीर मे कंपन, पैरालाइज़ होना, और अंत मे चूजे की मृत्यु हो जाती है।

इस हलात से चूजे को बचाने के लिय, जब भी कोई चूजा ज्यादा भीग जाता है तो तुरंत उसे अलग कर दें और हीटर के पास रखें।

ध्यान देने वाली कुछ बातें

ड्रिंगकर मे पानी पीते समय चूजे अगर भीग रहे है, तो ड्रिंकर के किनारे मे कंकर दें, जिस से चूजे को भीगने से बचाया जा सके।

बत्तख के बच्चे पानी का बर्तन
drinker

चूजे अगर पानी गिरा कर पेपर और लकड़ी के बुरादे को भीगा देते है तो पेपर और बुरादे को बदल दें,

हर दो से ढाई घंटे मे चूजे को उठाते रहे उन्हे एक जगह पर ज्यादा देर तक बैठे रहने ना दें

कुछ चूजे एक ही जगह पर बैठे रह जाते है, उन्मे कई सारी समस्या देखने को मिल सकती है जैसे

  • चूजे का पैर अकड़ जाना
  • गर्दन का अकड़ जाना
  • लकवा मारना ( Paralyze )

इस तरह के समसियाओं से बचने के लिय, चूजे को पहले चार से पाँच दिन दो से ढाई घंटे बाद बाद उठाने की बहुत ज्यादा जरूरत होती है।

बत्तख के चूजे को रात मे रखने का तरीका

पहले तीन से चार रात बहुत सावदान रहने की जरूरत होती है नहीं तो पहले तीन चार रातों मे ही लोड के 10 % से 15% चूजे की मृत्यु हो जाती है।

रात को फार्म का तापमान 36℃ के आसपास रखने की कोशिश करें।

हर चार घंटे बाद फ़ीड और पानी चूजों को उपलब्ध करें,

अगर फार्म का तापमान रात को 36℃ तक रखने मे असफल हो रहे है तो आप रात को फ़ीड और पानी ना दें।

फार्म के तापमान कम होने पर, फ़ीड और पानी को छोड़ कर बाकी के नियम को पूरा करें।

ड्रिंकइंग और फीडिंग के बाद ड्रिंगकर और फीडर को हटा दें, भीगे हुय पेपर और लकड़ी के बुरादे को बदलें,

आधे घंटे बाद चूजे को देखें अगर चूजे भीगे है, तो उन्हे एक जगह जमा हो कर बैठने ना दें, जब तक के उनके पंख सुख नहीं जाते

अगले सात रातों तक इसी तरह बत्तख के चूजे की ब्रूडिंग कर सकते है, जिस से चूजे की ग्रोथ सही से होती है।

फार्म का तापमान बहुत अधिक कम होने पर क्या करें?

रात होते ही वातावरण ठंडा होने लगता है, यदि फार्म के तापमान को बढ़ाने वाले उपकरण चलाने पर भी तापमान 36℃ से बहुत ज्यादा कम है, यां तापमान को बढ़ाने वाले उपकरण किसी कारण काम नहीं कर रहे तो रात को ब्लैक ब्रूडिंग की प्रकारिया का इस्तिमल करें।

ब्लैक ब्रूडिंग करने के कई फायदे है मगर कई नुकसान भी होते है। इस लिय ब्लैक ब्रूडिंग तभी करें जब आपके पास कोई और विकल्प न हो।

ब्लैक ब्रूडिंग कब करने की जरूरत पड़ती हैं।

रात को तापमान जब बहुत ज्यादा नीचे गिर जाता है,

और हर संभव कोशिश करने के बाद भी तापमान को बढ़ाने मे असफल हो रहे हो, और बत्तख के चूजे ठंड से एक दूसरे के ऊपर चड़ने लगे,

चूजे को हटाने पर भी नहीं हट रहे, और चूजे के नीचे चूजे दब रहे हों, ऐसे हालत मे ब्लैक ब्रूडिंग करने की जरूरत होती है।

रात को रखे जाने वाली सावधानियाँ
  • चूजे को एक दूसरे के ऊपर चड़ने से रोकें
  • चूजे की भगदड़ मे गिरे हुए चूजे को जल्दी से उठा दें
  • भीगे हुए चूजों को झुंड मे एक जगह जमा हो कर बैठने से रोकें
  • भीगा हुया पेपर और बिछावन को बदलें।
  • हर दो से ढाई घंटे मे बैठे हुय चूजों को उठा दें,

बत्तख के चूजे ब्रूडिंग का दूसरा दिन

ब्रूडिंग की पहली रात मे अगर सही तापमान और सही तरीके से ड्रिंकइंग फीडिंग होता है तो 500 चूजों मे से 2-3 चूजे मर सकते है, जिसमे घबराने वाली बात नहीं होती,

अगर चूजे मरने की संख्या 10 से ज्यादा है तो इसके दो कारण होते है,

  1. पहला कारण फार्मर की गलतियाँ
    • जिसमे चूजे को सही तापमान मे ना रखना, पानी पीने के बर्तन का सही ना होना, ड्रिंकर और फीडर का कम होना, बिछावन का गीला होना, चूजे को एक ही जगह पर बैठे रहने, देने, जैसे कारण शामिल होते है।
  2. दूसरा चूजे किसी विषाणु ( बीमारी ) संक्रमित हो सकते है।
    • जिसके लिय आपको किसी अनुभवी से सलाह लेने की जरूरत होगी, यां फिर डॉक्टर से।

बतख पानी मे चरने वाले जीव होते है। इस लिय वो हमेशा पानी मे जाने की कोशिश करते है,

बत्तख के चूजे पानी पीते समय जब चोंच को बाहर निकालते है, साथ मे बहुत सारा पानी नीचे गिरा देते है। जिसके कारण चूजे का बिछावन भीग जाता है।

इस लिय चूजे के खाने पीने की जगह अलग रखें और आराम करने की अलग जगह।

ब्रूडिंग का पहला दिन खाने पीने और आराम करने की जगह एक ही रख सकते है किउकी पहले दिन चूजे इतना चलते फिरते नहीं और ना ही वो फीडिंग ड्रिंकइंग करना जानते है।

ब्रूडिंग के दूसरे दिन से बत्तख के चूजे को खाने के लिय अलग जगह और आराम के लिय अलग जगह दें, दूसरे दिन बत्तख के चूजे ड्रिंकइंग और फीडिंग करना सिख जाते है,

सुबह जब तापमान चूजों के लिय सही हो जाए तब

चूजे के फीडिंग वाले घेरे मे, पानी और फ़ीड रखें पानी मे मल्टीविटामिन दें चूजे अगर किसी बीमारी के चपेट मे है तभी किसी अँटिवयोटिक दवाई का प्रयोग करें,

चूजे के आराम करने वाले घेरे से फीडिंग वाले घेरे मे जाने का रास्ता बनाय चिक्कस गार्ड को हटा कर, और चूजों को ड्रिंकर फीडर की तरफ जाने के लिय फोर्स करें,

पहली वार ऐसा करना थोड़ा मुस्किल हो सकता है मगर दो तीन बार चूजों को फीडिंग ड्रिंकइंग के बाद वो खुद उस तरफ जाने के लिय तयार रहते है।

बत्तख के चूजे जब फीडर वाले घेरे मे चले जाने पर आप बुरादे वाले घेरे की साफ-सफाई कर सकते है।

यदि आपने फीडिंग की जगह मे हीटर नहीं लगाया

तो आपको फीडिंग की जगह का तापमान देखना है, अगर तापमान 30℃ से ऊपर है तो आप फीडिंग ड्रिंकइंग करवा सकते है,

बत्तख के चूजे को फीडिंग ड्रिंकइंग करने मे 30 से 40 मिनट का समय लगता है। उसके बाद चूजों को लकड़ीके बुरादे वाले घेरे मे कर देना है,

ध्यान दें

बत्तख के बच्चे खाने पीने के समय बहुत हड़बड़ करते है, इस लिय फीडर और ड्रिंकर की कमी से चूजे एक दूसरे को दबाने लगते है इस लिय फीडर और ड्रिंगकर उचित मात्रा मे रखें।

आपको बत्तख के चूजों को हर चार घंटे बाद इसी तरह से खिलना है।

शाम के पानी मे लीवर टॉनिक मिला कर चूजों को दें।

रात को अगर तापमान ज्यादा ठंडा है तो चूजों को खाना पानी ना दें।

बत्तख के चूजे ब्रूडिंग का तीसरा दिन

बत्तख ब्रूडिंग के तीसरे दिन सुबह चूजे की बीट को देखें।

अगर बीट पतली हो रही है तो आपको पतली बीट का इलाज के लिय दवाई देना है।

अक्सर देखा गया है बत्तख के चूजे 3 से 4 दिन के होने पर पतली बीट करने लग जाते है।

जिसके इलाज के लिय आपको किसी एक्सपर्ट यां डॉक्टर से सलाह लेने की जरूरत होगी।

ब्रूडिंग का तीसरे दिन पेपर को हटा सकते है,

अगर चूजे पतली बीट कर रहे है, यां कोई वाइरल बीमारी से सकर्मित है,

तो चूजों को पेपर के ऊपर रखें जिस से साफ-सफाई करने मे आसानी रहेगी।

बत्तख के चूजे ब्रूडिंग के तीसरे दिन सैनिटाइज का स्प्रे करें। चूजे स्वतः हैं यां किसी बीमारी से संक्रमित है,

दोन ही हाल मे सैनिटाइज का स्प्रे तीसरे दिन सुबह शाम करने से बीमारी का जोखिम कम हो जाता है।

खाना पीना:-

सुबह के पानी मे मल्टीविटामिन और शाम के पानी मे लीवरटॉनिक मिला कर दें, चार घंटे बाद-बाद फीडिंग कराएं,

तीसरे दिन फार्म के तापमान को 2℃ तक कम किया जा सकता है।

बत्तख के चूजे ब्रूडिंग का चौथा दिन

चौथा दिन बत्तख के चूजे के जगह को बढ़ाने की जरूरत पड़ सकता है,

चूजों झुंड मे गोल गोल चकर लगते है, जिसके लिय थोड़ी ज्यादा जगह की जरूरत होती है, कम जगह मे कमजोर चूजे गिरने का जोखिम बना राहत है,

चूजे के दूसरे दिन से सातवें दिन के बीच एक और समसिया देखने को मिल सकती है।

बत्तख के चूजे का गर्दन घूम जाना, जिसके इलाज के लिय आपको किसी एक्सपर्ट यां डॉक्टर से सलाह की जरूरत पड़ेगी।

चौथे दिन सुबह पानी मे मल्टीविटामिन और शाम की लीवरटॉनिक दें, हर चार घंटे मे फीडिंग करवाएं,

बत्तख के चूजे ब्रूडिंग का पाँचवा दिन

चूजे जीतने बड़े होंगे उतना ही ज्यादा फ़ीड खाएंगे,

और उतना ही फार्म को गंदा करेंगे, फार्म की साफ सफाई करते रहें, जितनी सफाई फार्म की राखी जाती है, बीमारी लगने का जोखिम उतना ही कम होता है।

बत्तख ब्रूडिंग का पाँचवा दिन

हर चार घंटे मे चूजों को दाना पानी दें,

सुबह के पानी मे मल्टीविटामिन

दुपहर के पानी मे Lixen Powder ढाई दे तीन ग्राम प्रति लीटर पानी मे मिल कर दें

बत्तख के बच्चे की दवाई
इंडियन हैचरी

ध्यान दें, Lixen Powder की जरूरी जानकारी

Lixen Powder एक एंटीबायोटिक है। जो बत्तख के बीमारियों से लड़ने की शक्ति को बढ़ाता है। मगर इसका ज्यादा उपयोग बत्तख के ग्रोथ को रोक देता है।

जब भी Lixen Powder दें तीन दिन दें और अगले 10 दिन ना दें, और सही मात्र मे दें

Lixen Powder को देने का सही समय शाम का होता है, मगर ब्रूडिंग के समय अगर चूजे धूप मे नहीं जाते तो आप उन्हे दुपहर मे भी दे सकते है।

शाम के पानी मे लीवर टॉनिक दें।

बत्तख के चूजे ब्रूडिंग का छठा दिन

ब्रूडिंग का छठा दिन मे तापमान 33℃ से 34℃ रख सकते है।

हर चार घंटे मे चूजों को दाना पानी दें,

सुबह के पानी मे मल्टीविटामिन

दुपहर के पानी मे Lixen Powder ढाई दे तीन ग्राम प्रति लीटर पानी मे मिल कर दें

शाम के पानी मे लीवर टॉनिक दें।

बत्तख के चूजे ब्रूडिंग का सातवाँ दिन

ब्रूडिंग का सातवाँ दिन,

हर चार घंटे मे चूजों को दाना पानी दें,

सुबह के पानी मे मल्टीविटामिन

दुपहर के पानी मे Lixen Powder ढाई दे तीन ग्राम प्रति लीटर पानी मे मिल कर दें,

Lixen Powder

लिक्सएन पाउडर तीन दिन का कोर्स पूरा हो जाने के बाद,

10 से 12 दिन के बाद फिर से तीन दिन Lixen Powder को दें।

शाम के पानी मे लीवर टॉनिक दें।

बत्तख के चूजे सात दिन ब्रूडिंग पूरा होने के बाद क्या करें।

ब्रूडिंग के बाद बत्तख के चूजे को किस तरह से पाल सकते है।

जानकारी अभी हमारी साइट मे उपलब्ध नहीं है,

अगर आप जानना चहते है तो निकजे कॉमेंट करें हम जल्द ही लेख को पब्लिश कर देंगे।

बत्तख के चूजे ब्रूडिंग करते समय रखे जाने वाली सावधानियाँ और महत्वपूर्ण जानकारियाँ।

  • बत्तक के चूजे ब्रूडिंग मे सबसे ज्यादा ध्यान रखने वाली चार बातें
    1. साफ सफाई का पूरा ध्यान रखें,
    2. तापमान को सही रखें,
    3. उत्तम quality का फ़ीड खिलाएं,
    4. चूजे को भीगने से बचाएं,
  • चूजे अगर पानी से भीग जाते है। और उसके पंख मे फ़ीड, लकड़ी का बुरादा, बीट लागि हुई है, तो पानी को 40℃ तक गरम कर के उसे साफ करके, किसी मुलायम कपड़े से पोंछ कर, चूजे को हीटर के पास रखें।
  • चूजे के पहले दो तीन दिन के बीट मे प्रोटीन की मात्रा होती है, जिसके सड़ने बदबू और किटाणु पनपते है, जो चूजों को बीमार करते है, इस लिय हर रोज साफ-सफाई करना बहुत जरूरी है।
  • मुर्गी और बत्तख के चूजे की ब्रूडिंग एक साथ नहीं की जा सकता।
  • पतली बीट, फ़ीड खाना कम कर देना, गर्दन मे अकड़न, अपंग होना लोड मे बीमारी आने के लक्षण होते है।
  • अगर चूजे स्वत है तो पहले चार दिन किसी भी एंटीबायोटिक ना दें। एंटीबायोटिक चूजे के विकास को रोकता है।
  • गर्मी के मॉसम मे चूजे को 8 से 10 दिन, और ठंडी के मॉसम मे 13 से 15 दिन के बाद पानी मे छोड़ें।
  • बीमार चूजे को हमेश अलग रखें।
  • पहले 10 दिन pre starter feed ही खिलाएं

चूजे ब्रूडिंग की पूरी जानकारी। Batakh Ke Chuje Palne Ki Vidhi. लेख की सूची

tv9hindi बत्तख पालन में किसानों के लिए हैं बेहतर अवसर,

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