Black brooding process. ब्लैक ब्रूडिंग प्रक्रिया कैसे करें

Black brooding

Black Brooding process. ब्लैक ब्रूडिंग क्या है।

ब्रूडिंग के दौरान तापमान की कमी से चूज़े एक दूसरे को दबाने से बचाने के लिये, अंधेरे में रखने की प्रक्रिया को ब्लैक ब्रूडिंग ( Black Brooding) कहा जाता है।

ब्लैक ब्रूडिंग कब करने की जरूरत पड़ती है।

एक दिन के चूज़े को 35℃ से 36℃ के तापमान में रखने की जरूरत होती है।

रात को तापमान कम होने पर चूजे एक जगह जमा हो कर, एक दूसरे के ऊपर चढ़ने लगते है।

और जे सिलसिला चलता ही राहत है। किनारे वाले चूजे ठंडी से बचने के लिय ऊपर चड़ते चड़ते चूजों का एक ढेर का रूप ले लेता है।

जिसके कारण नीचे दबे हुए चूजे दब कर मर जाते है।

ईस हालत मे,

चूजों को एक जगह जमा होने से रोकने के लिए ।

तापमान को बढ़ाने की जरूरत होती है। तापमान के बड़ते ही, चूजे एक जगह जमा होना रुक जाते है।

किसी कारण अगर तापमान को बढ़ाने मे असफल हो रहे है, तो ईस हाल मे ब्लैक ब्रूडिंग करने की जरूरत पड़ती है।

ब्लैक ब्रूडिंग कैसे करें?

Black Brooding process:- ब्लैक ब्रूडिंग शुरू करने से पहले जीतने भी ड्रिंकर और फीडर है, चूजों से दूर कर दें। और

ध्यान दें चूजों का बिछावन ( लकड़ी का बुरादे ) मे कहीं पानी तो नहीं गिरा। भीगे हुए बुरादे को हटा कर सूखे बुरादे को डालें।

अब चूजों को हाथों से, और आवाजों से एक दूसरे से दूर करने की कोशिश करें।

जितना संभब हो उतना चूजों को एक दूसरे से दूर करें। और फार्म की सभी लाइट को बंद करें।

अंधेरा होते ही चूजे शोर करने लग जाते है। चिंता न करें कुछ देर बाद चूजे शांत हो जाते है।

चूजों के शांत होने के कुछ देर बाद

हल्की रोशनी वाले टॉर्च लाइट यां मोबाईल की फ्लैश लाइट छत की तरफ कर जलाऐं।

ध्यान रखें

रोशनी इतनी कम हो की चूजे एक दूसरे को न देख सके।

इंसानों के मुकाबले चूजों ( मुर्गियों ) को अंधेरे मे देखने के लिय ज्यादा रोशनी की जरूरत होती है।

हल्की रोशनी में चूज़े को पकड़ कर। अलग अलग झुंड में रखें।

अंधेरे के कारण चूज़े एक ही जगह पर बैठे रहेंगे।

ध्यान रखें।

एक झुंड में 15 से 20 चूजों को रखें।

अगर आप एक झुंड में बहुत ज्यादा चूजों को रखते है। तो चूज़े दबने का जोखिम ज्यादा हो जाता है।

हालांकि चूज़े अंधेरे में देख नही सकते मगर वो एक दूसरे को छू कर, महसूस कर सकते है।

जिस से चूज़े एक दूसरे के ऊपर चढ़ने लगते है।

15 से 20 चूजों का झुंड सही होता है,

जिस से चूज़े दबते नही और वो एक दूसरे को गर्मी भी देते है।

ज्यादा छोटे झुंड में चूजों को ना रखे। छोटे झुंड में चूज़े एक दूसरे को गर्म नही कर सकते।

इस प्रक्रिया से चूजों को रात भर ठंडी से बचाया जाता है। बिना किसी तापमान बढ़ने वाले उपकरण के।

जिसे ब्लैक ब्रूडिंग कहते है।

ब्लैक ब्रूडिंग करने का फायदा

तापमान की कमी से रात मे चूजे एक जगह जमा होने से,

15% से 25% चूजे दब कर मर जाते है। ब्लैक ब्रूडिंग से चूजे मरने की संखिया 25% से घटा कर 2% से 5% तक किया जा सकता है।

ब्लैक ब्रूडिंग करने से क्या नुकसान होता है।

चूजे को कम तापमान मे रखने से चूजे का विकास ( growth ) रुक जाता है।

और कई सारी बीमारियाँ लगने का जोखिम भी राहत है। और ब्लैक ब्रूडिंग करने का अर्थ है, चूजे को कम तापमान मे रखना।

ब्लैक ब्रूडिंग करने में रखे जाने वाली सावधानियां।

चूजे को ब्लैक ब्रूडिंग मे रखने के बाद, हर एक घंटे मे चूजों को देखना जरूरी होता है।

कोई चूजा अकेला हो सकता है,

जिसे उठा कर झुंड मे मिला दें। और कोई झुंड बड़ा है तो झुंड को छोटा करें।

और बहुत छोटे झुंड को बड़ा करना, ईस तरह की जांच हर एक घंटे बाद बाद करते रहें।

Black brooding process.

चूज़े को पालने का सही तरीका

एक दिन के चूज़े को सही तापमान, और दाना-पानी की जरूरत होती है।

जिस से चूज़े स्वस्त रहते है, और अच्छे से विकास भी होता है, एक दिन से सात दिन तक चूज़े पालने की विधि को जाने।

ब्लैक ब्रूडिंग की जरूरी बातें।

  1. जब आपको लगे चूज़े एक दूसरे के ऊपर इस तरह से चड़ रहे है कि उन्हें हटाना मुश्किल हो रहा है तभी ब्लैक ब्रूडिंग करें।
  2. ब्लैक ब्रूडिंग शुरू करने का तभी सोचें जब आप तापमान को बढ़ाने की हर संभव कोशिश करने के बाद भी तापमान को बढ़ा नहीं पा रहें।
  3. सुबह जब रोशनी होने लगे, तब चूजों के पास कोई हरकत ना करें। और ना कोई शोर करें। जिस से चूजे उठ कर इधर उधर भागने लगे।
  4. चूजों को तब तक दाना-पानी ना दें जब तक तापमान मे सुधार नहीं होता।
  5. ब्लैक ब्रूडिंग के बाद सुबह जब भी पीने का पानी दें हल्का गरम करके देना चाहिए।
  6. सुबह होते ही जब चूजे इधर उधर जाने लगे, तब तापमान बढ़ाने वाले सभी उपकरणों का प्रयोग करें, तापमान को बढ़ाने के लिय।

Black brooding process. ब्लैक ब्रूडिंग प्रक्रिया कैसे करें

बाबूपुर

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