एक दिन से सात दिन तक चूज़े की देख-रेख कैसे करें ?

मुर्गी के चूज़े फार्म पर लाने से पहले आपको कुछ तैयारियां पहले से कर के रखने की जरूरत है। और कुछ समान की जरूरत पड़ेगी।
- लकड़ी का बुरादा।
- पेपर।
- गुड़
- ड्रिंकर
- फीडर
- मल्टीविटामिन
- लिवर टॉनिक
- चुना
- Norfloxacin & tinidazole bolus vet
- pre starter feed
- थर्मामीटर (HTC)
- रूम हीटर
one day chicks लाने से 2 दिन पहले की तैयारी।
Hatcherey से चूज़े लाने से 2 दिन पहले से तैयारी करें।
एक दिन के चूज़े को पालने के लिये सबसे ज्यादा जरूरी तापमान को सही रखना होता है। और चूज़े को जमीन की ठंडक से बचना होता है। चूजों के लिये जमीन पर किया बिछाएं सबसे पहले सोच विचार करें।
one day chicks management. में लगने वाले सारे समान को फार्म पर ले आएं।
और फार्म की अच्छे से साफ-सफाई कर चुने का छिड़काव करें।
ध्यान रखें जमीन सूखा रहे ।
जमीन में नमी और गीली मिटी से अमोनिया गैस बनता है जिस से chicks बीमार हो जाते है।
चुना छिड़काव के बाद, लकड़ी का बुरादा बिछा दें। जो गर्मियों 2 और सर्दियों में कम से कम 3 इंची मोटी हो।
एक हजार चूज़े पालने के लिये
4 से 5-5 फिट के चार घेरे ( chicks boundary ) बनाने की जरूरत पड़ेगी। ध्यान रखें घेरा गोल आकार का बनाएं।

कोने वाले घेरे में। चूज़े कोने में दब जाते है।
एक घेरे में 200 से 250 चीक्स को रखना सही होता है।
एक साथ अधिक चूजों को रखने से, चूज़े दबने का खतरा बना रहता है। जे तब होता है, जब आराम करने के लिय एक जगह पर जमा होते है।
चूज़े रखने वाली जगह में तापमान कितना रहता है। जांच करें
रात होने पर। मुर्गी के चूज़े रखने वाले घेरे में थर्मामीटर (HTC) रखें।
और देखें तापमान कितना रहता है।अगर तापमान 36℃ से कम है। तो आप हीटर का उपयोग करें।
और देखें क्या आप के उपकरण तापमान को 36℃ तक रखने के योग्य है, यां नही
सुबह सुबह तापमान में गिरावट हो जाती है। आपको तभ भी तापमान को 36℃ पर रखने की जरूरत होगी।
चूज़े लाने से 2 दिन पहले जांच कर लें।
तापमान को बढाने के लिये किन-किन उपकरणों का प्रयोग कर सकते है।
- रूम हीटर
- 100 वाट 200 वाट के बल्ब
- गैस हीटर
- मिटी के तेल वाले हीटर
- अंगीठी, जैसी उपकरणों का प्रयोग कर सकते है।
ध्यान दें
तापमान को बढ़ाने के लिये। किसी ऐसी वस्तु का प्रयोग ना करें। जिस से धुआं रूम में भर जाए। ज्यादा धुंआ चूजों को नुकसान कर सकता है।
चूज़े लाने से पहले जे सुनिचित करें।
तापमान को आप ठीक 36℃ तक रख पा रहे है। और सभी समान आपके पास उपलब्ध है।
एक से सात दिन तक चूज़े पालने के लिये लगने वाले समान
पेपर, गुड़, ड्रिंकर, फीडर, मल्टीविटामिन, लिवर टॉनिक, Norfloxacin & tinidazole bolus vet, pre starter feed.
one day chicks management First Day
चूज़े फार्म में लाते ही, सबसे पहले घेरे के अंदर पेपर को बिछा कर। थरमामीटर (HTC) को पेपर के ऊपर रख कर तापमान को देखें।
अगर 36℃ से कम है। हीटर को चला दें। और एक-एक घेरे में 200 से 250 चूजों को रखें।
प्लेट वाले फीडर में चूजों को pre starter feed खाने के लिये दें। और साथ ही फीड पेपर पर भी खाने के लिये दें। जिस से चूज़े फीडिंग करना जल्दी सिख जाते है।
चूजों के पहले पीने वाले पानी मे गुड़ को शामिल करें। एक लीटर पानी मे 60 ग्राम से 70 ग्राम गुड़ को घोलें और 4 से 6 घंटे पीने के लिये रखें।
एक दिन के चूज़े बहुत छोटे होते है।
इस लिये कम उचाई वाले ड्रिंकर का प्रयोग करें।
जिसमे चूज़े आराम से पानी पी सके।
गुड़ वाले पानी से चूज़े के पेट मे जमा प्रोटीन जल्दी निकल जाता है।
ध्यान दें:-
अगर मौसम ठंडा है, और आप रूम के तापमान को 36℃ तक नही रख पा रहे। तो आपको पानी गुन-गुना करके चूजों को पीने के लिये देना है।
चूजों को अकेला न छोड़ें हर 30 से 45 मिनट के बाद, बैठे हुये चूजों को उठा दें।
ज्यादा देर तक चूजों को एक जगह जमा ना होने दें
अगर चूज़े फीडिंग छोड़ कर बस एक जगह जमा होने की कोशिश कर रहे है। और एक दूसरे के ऊपर चड़ने लगते है तो इसका मतलब तापमान में कमी है। जे बात आपको हमेशा याद रखना है।
4 से 6 घंटे बाद पीने के पानी मे मल्टीविटामिन को मिला कर दें।
8 सके 10 घंटे बाद नीचे बिछाया हुये पेपर को बदल दें। और फीड छिड़क दें।
शाम के पानी मे लिवर टॉनिक देना है।
ध्यान दें:-
अगर रात को किसी प्रकार से आप तापमान को सही नही रख पा रहे, और चूज़े बार बार एक दूसरे के ऊपर चढ़ने की कोशिश कर रहे है। तो आप ब्लैक बोर्डिंग प्रक्रिया ( Black brooding proce ) का इस्तिमाल कर सकते है।
रात को रोशनी की कमी ना रखें। चूज़े रात को भी फीडिंग करते है।
रात में चूजों को सादा पानी पीने के लिये दें। और हर 30 से 45 मिनट में बैठे हुये चूजों को उठाते रहें।
one day chicks management Second Day
सुबह पहले पेपर को बदल दें।
1000 चूजों में 4 से 6 चूज़े मर सकते है। और किसी कारण चूज़े मरने की संख्या 10 से 15 तक भी हो सकती है।
जिसमे घबराने वाली कोई बात नही।
ध्यान देना है।
चूजों में कोई संक्रमण (infection) तो नही है, उनके लक्षण को देखें।
- चूजा एक जगह खड़ा हो कर चोंच जमीन में को छू तो नही रहा
- पैरों में अकड़न का आ जाना
- लेटरिंग के रास्ते के आसपास गिला होना
- लेटरिंग में खून के धब्बे का होना
- गोल गोल घूमना
- चोंच को बिना किसी कारण एक जगह मारे जाना
अगर इस तरह के लक्षण चूजों में नजर आ रहे है तो चूज़े बीमार है नहीं तो किसी संक्रमण (infection) से संक्रमित हो सकते है। इलाज करें।
जिसके लिये आपको एंटीबायोटिक दवाइयों का प्रयोग करने की जरूरत पड़ेगी।
एंटीबायोटिक चूजों के ग्रोथ को रोकता है।
अगर चूज़े स्वस्त है। तो आठवें दिन चूज़े को एंटीबायोटिक दिया जा सकता है जो चूज़े के रोगप्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाए।
चूज़े का खाना पीना
सुबह से दुपहर के पानी मे मल्टीविटामिन।
शाम के पानी में लिवर टॉनिक।
रात को सादा पानी।
फीड पेपर पर और प्लेट फीडर में।
ध्यान देने वाली बातें
पेपर को 10 से 12 घंटे में बदलते रहें, अंडों से चूज़े निकलने के बाद चूज़े के पेट में प्रोटीन होता है, जो चूज़े के लेटरिंग के साथ निकलता है।
जिसमे बहुत जल्दी विषाणु पैदा हो जाते है। जो चूजों को बीमार कर सकते है।
one day chicks management Third Day
तीसरे दिन सुबह चूज़े की लेटरिंग ( बीट) को देखें अगर पतला हो रहा है।
तो Norfloxacin & tinidazole bolus vet देना होता है।
ध्यान दें:-
अक्सर चूज़े 3 से 5 दिन में पतली बिट करने लगते है। जिस से चूज़े कमजोर होने लगते है।
और साथ ही चूज़े के लेटरिंग का रास्ता बंद हो जाता है।
आपको ध्यान देना है। जब चूज़े पतली बिट करने लगे।
Norfloxacin & tinidazole bolus vet. दवाई चूजों को खिलाना है। जो पानी मे दिया जाता है
तीसरे दिन चूजों को 33℃ से 35℃ में रखें ।
घेरे को जरूरत के हिसाब से बड़ा करें।
आज से पेपर पर फीड देना बंद कर सकते है। सिर्फ थाली वाले फीडर में फीड खाने के लिये दें सकते है।
सुबह से दुपहर तक, पीने के पानी मे मल्टीविटामिन।
और शाम को लिवर टॉनिक दें।
रात को सादा पानी।
one day chicks management Fourth Day
सुबह पेपर को हटा दें।
ध्यान दें.
अगर चूज़े किसी बीमारी या किसी विषाणु की चपेट में है।
तो चूजों को पेपर पर ही रखें।
सुबह से दुपहर तक, पीने के पानी मे मल्टीविटामिन।
और शाम को लिवर टॉनिक दें।
रात को सादा पानी
one day chicks management 5th day
सुबह चूज़े के बिछावन, लकड़ी के बुरादे को पलट दें। जब भी आपको लगे। किसी जगह चूजों ने बिछावन गंदा कर दिया है। साफ करें।
ध्यान दें.
सुबह शाम आप लकड़ी के बुरादे में हल्के हल्के झाड़ू मार कर भी साफ कर सकते है। जिस से लकड़ी का बुरादा कम गंदा होगा।
तापमान को 32℃ से 34℃ के बीच मे रखें।
सुबह से दुपहर तक, पीने के पानी मे मल्टीविटामिन।
और शाम को लिवर टॉनिक दें।
रात में सादा पानी
one day chicks management Sixth day
हो सके तो किसी तरह के एंटीबायोटिक दवाइयों का प्रयोग ना करें। सातवें दिन वैक्सीनेशन होता है इस लिये
सुबह से दुपहर तक, पीने के पानी मे मल्टीविटामिन।
और शाम को लिवर टॉनिक दें।
रात को सदा पानी।
one day chicks management seventh day
सूबह रानीखेत की वैक्सीन करें।
रानीखेत वेक्सीन करने से 24 घंटे पहले और 24 घंटे बाद किसी तरह का भी एंटीबायोटिक दवाइयों का प्रयोग ना करें।
तापमान को 30℃ से 33℃ के बीच मे रखें।
ध्यान दें
हवा में कम यां ज्यादा नामी के कारण, तापमान को कम यां ज्यादा करने की जरूरत पड़ सकती है।
जिसको जानने के लिये। चूजों को देखें अगर चूज़े जमा हो रहे है तो तापमान को बढाने की जरूरत होगी।
और अगर चूज़े लकड़ी के बुरादे में घुसने की कोशिश करे, तो इस हाल में तापमान को कम करने की जरूरत पड़ सकता है।
घेरे से चूज़े को निकाल दें। जितना भी हो सके चूज़े को खेलने के लिये बड़ा, जगह दें।
चूज़े के बेहतर विकास के लिये खुली जगह और ताज़ी हवा बहुत जरूरी होता है।
सुबह से दुपहर तक, पीने के पानी मे मल्टीविटामिन।
और शाम को लिवर टॉनिक दें।
रात को सदा पानी
अगले दिन आप चूज़े को एंटीबायोटिक देना शुरू कर सकते है जो चूज़े के रोगप्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाए।
चूज़े पालन की महत्वपूर्ण जानकारी
- अगर चूज़े किसी भी बीमारी यां विषाणु से संक्रमित नही है। तो पहले 7 दिनों में किसी भी एंटीबायोटिक दवाइयों का प्रयोग ना करें।
- चूजों को ज्यादा एंटीबायोटिक देने से चूजों का ग्रोथ रुक जाता है।
- चूजों को बेहतरीन फीड खिलाएं।
- फीड खिलाने में कमी न करें। हमेशा चूजों के पास फीड और पानी की व्यवस्था करें।
- बीमार चूजों को अलग रखें।
- जितना हो सके चूजों को कम से कम हाथों से पकड़ें।
- किसी दूसरे के फार्म का समान उपयोग में लेने से पहले। कीटाणु मुख्त करें। ( साफ-सफाई करें)
- मरे हुऐ चूज़े को खुले में ना फेकें उसे दूर मिटी में गाड़ दें।
- सही ड्रिंकर का उपयोग करें। नही तो चूज़े भीग सकते है।
- पहले 10 दिन देसी फीड न खिलाएं।
- चूजों को पहले सात दिन मल्टीविटामिन और लिवरटोनिक देने से brooding का परिणाम बहुत अच्छा आता है।
- One day chicks brooding करते समय ध्यान रखना जरूरी है। की chicks को ताज़ी हवा भी मिलती रहे।
- साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें। गंदगी में chicks बीमार होने लगते है।
- लकड़ी के बुरादे में नमी, यां गिला-पन से अमोनिया गैस बनता जो चूजों को नुकसान पहुचता है।
- ठंडी के मौसम में चूजों को पीने के लिये गुन-गुना पानी देना चाहिए।
- Brooding के दौरान मरे हुऐ chicks को जल्दी से फार्म से बाहर कर दें।
- हर 6 से 8 घंटे बाद चूज़े की बिट (लेटरिंग) को देखें। पतली बिट, लाल बिट, पानी जैसे बिट, चूज़े बीमार हो रहे है। लक्षण होते है।
- चूजों का मुह खोल कर सांस लेना बीमारी के लक्षण होते है।
- चिक्स को ग्रोथ प्रमोटर नही देना चाहिए।
- किसी कारण चूज़े को पकड़ने की जरूरत हो तो अपने कदम धीरे-धीरे रखें। कोशिश करें चूजों में कम से कम भगदड़ हो
It is explained better than the others