सोनाली मुर्गी अपने कुछ खास गुणों के कारण बहुत चर्चे मे रहती है। जल्दी बड़ा हो जाना, अधिक अंडे देने के लिय, अपने अच्छे रंग रूप के लिय जानी जाती है, Sonali murgi VS Desi murgi.
सोनाली मुर्गी की तुलना अगर शुद्ध देसी मुर्गी से करें, तो देसी मुर्गी को बड़ा होने मे 110 से 130 दिन लगते है।
और सोनाली मुर्गी 70 दिन से 80 दिन मे बड़ी हो जाती, इन मुर्गियों मे और भी कई अंतर है।
और फ़ार्मिंग के लिय बहुत जरूरी है पहले यान लेना की आप जिस तरह से मुर्गी पालन करना चाहते है,
उसके लिय सोनाली मुर्गी पालन सही रहेगा यां देसी मुर्गी।
सोनाली मुर्गी vs देसी मुर्गी
देसी मुर्गी और देसी मुर्गी मे अंतर:

सोनाली मुर्गी को बड़ा होने मे 70 से 80 दिन लगते है। |
देसी मुर्गी 120 दिन से 140 मे बड़ी होती है। |
सोनाली मुर्गी साल मे 270 से 280 अंडे देती है। |
देसी मुर्गी साल मे 90 से 130 अंडे देती है, मगर तब जब वो चूजों नहीं पालती। |
सोनाली मुर्गी 100 बीमारियों मे से 60 बीमारियों से खुद को ठीक करने की शक्ति रखती है। |
देसी मुर्गी 100 बीमारियों मे से 85 बीमारियों से खुद को ठीक करने की शक्ति रखती है। |
सोनाली मुर्गी कुड़ुक नहीं होती ( सोनाली मुर्गी अंडे सेक कर बच्चे नहीं निकालती ) |
देसी मुर्गी कुड़ुक होती है ( देसी मुर्गी अंडे सेक कर बच्चे निकलती है ) |
सोनली मुर्गी के पंजे बड़े और टांग लंबी होती है। |
देसी मुर्गी पंजे और टांग छोटे होते है। |
सोनाली मुर्गी 2 किलो से 2.5 किलो तक होती है। |
देसी मुर्गी 1 किलो से 1.4 किलो की होती है । |
सोनाली मुर्गी VS देसी मुर्गी फ़ार्मिंग
Desi and sonali murgi farming.
Sonali Murgi Farming- सोनाली मुर्गी फ़ार्मिंग
सोनाली मुर्गी फ़ार्मिंग करने के कुछ फायदे और कुछ नुकसान भी है। सोनाली मुर्गी जल्दी बड़ी हो जाती है, जे फायदा है ,
मगर सोनाली मुर्गी बीमार भी जल्दी हो जाती है।
अक्सर उन फार्मर को सोनाली मुर्गी फ़ार्मिंग से नुकसान हो जाता है। जिनको मुर्गी पालन का अनुभव नहीं होता।
सोनाली मुर्गी फ़ार्मिंग करने से पहले थोड़ा मुर्गी पालन का अनुभव होना बहुत जरूरी है,
अगर आप पहली बार मुर्गी फ़ार्मिंग कर रहे है तो देसी मुर्गी फ़ार्मिंग से सुरू करके थोड़ा अनुभव ले सकते है। किउकी देसी मुर्गी मे बीमारी का जोखिम कम होता है।
सोनाली मुर्गी पालने से पहले जान लें,
बाज़ार मे देसी मुर्गी के मुकाबले सोनाली मुर्गी की कीमत कम होता है।
सोनाली मुर्गी पालने से पहले बाज़ार मे सोनाली मुर्गी की क्या कीमत है,
और कितनी मांग है पता करना बहुत जरूरी है,
नहीं तो सोनाली मुर्गी को सेल करने मे परेशानी का सामना करना पड़ सकता है,
Pure Desi Murgi farming – शुद्ध देसी मुर्गी फ़ार्मिंग
शुद्ध देसी मुर्गी के कई फायदे है, और कई नुकसान भी है।
फायदे मे सबसे बड़ा फायदा शुद्ध देसी मुर्गियाँ कम बीमार पड़ती है। और कुछ भी खा लेती है।
और साथ ही अपने अंडों से बच्चे भी निकाल लेती है, और पालती है,
बाज़ार मे शुद्ध देसी मुर्गी की मांग हमेशा ज्यादा रहती है, और कीमत भी अछि मिल जाती है,
और शुद्ध देस कुछ नुकसान भी है, जैसे वजन कम होता है, और बड़ा होने मे भी ज्यादा समय लेती है, अंडे कम देती है,
शुद्ध देसी मुर्गी को अगर फ्री रेंज मे ना छोड़ा जाए तो बीमार होने का जोखिम बना राहत है।
सोनाली और शुद्ध देसी मुर्गी के चूजे कहाँ से खरीदें।
मुर्गी के चूजे हमेशा नजदीकी हैचरी से ही लें और कोशिश करें। मुर्गी पालन मे होने वाली समसियाओं के समाधान के लिय आपको सुझाव भी दें।
अगर आप झारखंड बिहार और वेस्ट बंगाल मे रहते है तो आप इंडियन हैचरी से मुर्गी और बत्तख के चूजे खरीद सकते है।
इंडियन हैचरी आपको मुर्गी बत्तख के चूजे के साथ, मुर्गी पालन बत्तख पालन की सभी तरह की जानकारी भी देता है।
मुर्गी और बत्तख के बच्चे खरेदने के लिय संपर्क करें
इस लेख के महत्वपूर्ण वाक्य, Sonali murgi VS Desi murgi. सोनाली मुर्गी vs देसी मुर्गी।
सोनाली मुर्गी VS देसी मुर्गी फ़ार्मिंग
Sonali Murgi Farming- सोनाली मुर्गी फ़ार्मिंग
one day chicks management in hindi
चूज़े फार्म में लाते ही, सबसे पहले घेरे के अंदर पेपर को बिछा कर। थरमामीटर (HTC) को पेपर के ऊपर रख कर तापमान को देखें।
अगर 36℃ से कम है। हीटर को चला दें। और एक-एक घेरे में 200 से 250 चूजों को रखें।

Indian Hatchery
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