Murgi ki ankh me sujan. क्यों होती है। और इस बीमारी को कैसे ठीक कर सकते है, इस लेख में हम जानेगे और अगर आपको अपनी बीमार मुर्गी का इलाज केरने मे किसी भी तरह की समसिया आ रही है यां आपके मन मे किसी भी तरह के सवाल है, आप कॉमेंट कर सकते है यां फिर आप हमारे साथ WhatsApp मे संपर्क कर सकते है।
coryza किसे कहते है?
मुर्गी को सर्दी-जुखाम आँख, नाक, मुह में सूजन होता है, उसे Coryza कहते है।
coryza एक जीवाणु संक्रमण बीमारी है, जो एक मुर्गी से दूसरी मुर्गी मे फैलता है।
जे बीमारी ज्यादा दिन रहने से मुर्गी के कलगी ( माथे का फूल ) मे फ़ौलपॉक्स ( Fowlpox ) भी हो जाता है
(Coryza) सर्दी-जुखाम आंखों में सूजन होने से, मुर्गियां जल्दी नही मरती,
मगर मुर्गी देखने मे बदसूरत हो जाती है, और उनसे बदबू भी आती है।
जे एक मुर्गी से दूसरी मुर्गी में फैलने वाला बीमारी है, इस लिये Coryza के लक्षण नजर आते ही, इलाज सुरु कर देना चाहिये।
मुर्गी की आँख मे सूजन ( coryza ) क्यों होती है?
फार्म मे जमा गंदगी से मुर्गी की आँख मे सूजन ( coryza ) होता है,
फार्म मे मुर्गी की बिट ( toilet ) सड़ने से निकलने वाली गैस मुर्गी की आँखों मे लगती है,
जिस से मुर्गी की आँखों मे पानी आता है, जो देखने मे सफेद और थोड़ा पिलेनुमा होता है।
जो मुर्गी की आँखों के किनारे जमा होता रहता है।
आँखों मे जमा होते रहने से एक समय मुर्गी की आँख के अंदर से निकलने वाले पानी को रोक देता है,
जिससे मुर्गी के पलकों के नीचे पानी जम कर मुर्गी की आँख को अंदर की तरफ ठेल देता है, और पलकों को ऊपर की तरफ
जिसका सही समय इलाज न होने से मुर्गी की आँख खराब हो जाती है।
फार्म की साफ सफाई की कमी से मुर्गी को होने वाली समसियाएं
साफ-सफाई की कमी से मुर्गी को होने वाली समसियाएं
- फार्म गंदा रहने से मुर्गियों की ग्रोथ ( विकास ) धीमा हो जाता है।
- मुर्गियों की बीमारी से लड़ने की शक्ति कम कम जाती है।
- मुर्गी अंडे देना कम कर देती है।
- मुर्गियाँ तनाव मे चली जाती है, जिस से एक दूसरे को नोचने लगती है।
- फार्म गंदा रहने से मुर्गियाँ फ़ीड खाना कम के देती है।
- अमोनियन गैस बनने लगता है।
- मुर्गियाँ सुस्त और बीमार नजर आती है।
- मुर्गी को सर्दी-जुखाम हो सकता है।
- मुर्गी की आँख मे सूजन होने का जोखिम रहता है।
- फार्म गंदा रहने से मुर्गियों को दस्त होने का जोखिम बना राहत है।
मुर्गी फार्म की साफ-सफाई की कमी से मुर्गी को होने वाली बीमारियाँ
फार्म की साफ़-सफ़ाई की कमी से मुर्गियों को अक्सर coryza, हो जाता है, और साथ ही CRD, रानीखेर, जैसी बीमारियों का जोखिम भी बना रहता है।
मुर्गी फार्म की साफ-सफाई मे कमी हो रही है कैसे पता करें?
फार्म मे साफ-सफाई कम होने से मुर्गियों के सुभाव को देख कर जान सकते है, की जे सब फार्म की साफ-सफाई की कमी से हो रहा है।
- मुर्गी फार्म मे साफ-सफाई कम होने से मुर्गियाँ सबसे पहले फ़ीड खाना कम कर देती है।
- फार्म के अंदर मुर्गियों के पंख झाडे हुए देखने को मिलते है।
- मुर्गियाँ एक दूसरे को नोचने लगती है।
- फार्म के अंदर दूर्गन्ध आने लगता है।
- लेयर ( बिछावन ) गीला गीला सा हो जाता है।
- मुर्गियाँ मुह खोल कर संस लेती है।
- फार्म की साफ सफाई की कमी से मुर्गियाँ छिकने लगती है
- मुर्गियों के आँख से पानी जाता है।
मुर्गी की आँखों मे सूजन ( coryza ) का इलाज
मुर्गी की आँख मे सूजन सर्दी-जुखाम ( coryza ) का इलाज के लिय सबसे पहले मुर्गियों को तीन वर्ग ( Category ) मे मुर्गियों को अलग अलग रखना है।
Coryza एक मुर्गी से दूसरी मुर्गियों मे फैलता है। मुर्गियों को अलग अलग रखने से बीमारी फैलने का जोखिम कम हो जाता है।
- मुर्गी फार्म मे Coryza फैल जाने पर जो अछि मुर्गियाँ है उन्हे अलग रखें।
- वो मुर्गियाँ जिनकी आँखों मे हल्का सूजन है, सर्दी जुखाम है, घूमती फ़िरती है, खाना पीना खाती है। उन्हे अलग करें।
- जिन मुर्गियों की आँखें बंद हो गई है, एक तरफ बैठी रहती है, खाना पीना छोड़ दिया है। उन्हे अलग करें।
सबसे पहले फार्म की अछे से साफ-साफ़ी करें। और चुने से निपाई करें,
जिन जगह मे चुने से निपाई करना संभव ना हो चुने का छिड़काव करें,
फार्म मे चुना निपाई और छिड़काव करने से मुर्गी को बीमार करने वाले जीवाणु खतम होते है।
फार्म मे मुर्गी को छोड़ने के बाद, मुर्गियों के ऊपर और फार्म मे सैनिटाइज़ स्प्रे करें।
जिसके लिय आप B904 का इस्तिमल कर सकते है,

B904 का इस्तिमल: एक लीटर पानी मे 4ML B904 को मिला कर स्प्रे करना है,
और जब भी मुर्गी को पानी पीने देना है।
चार लीटर पानी मे 1ML B904 को मिला कर देना है, जिस से जीवाणु अगर मुर्गी के पेट मे है। तो उनका परभाव खतम हो जाता है।
Coryza की चपेट मे आने से बचाने की लिय मुर्गी की रोगपतिरोधक शक्ति को बढ़ाने की जरूरत होगी,
जिसके लिय ई-केयर से ( E-CARE Se ) दे सकते है, यां बाजार मे और भी कई सारी दवाइयाँ है जो मुर्गी के रोगपरतिरोधक शक्ति को बढ़ते है

Coryza के जीवाणु को खतम करने के लिय एंटीबायोटिक
- रेस्पीरोन ( Respiron )
- एजिथ्रोमाइसिन पाउडर ( Azithromycin powder )

रेस्पीरोन ( Respiron ) मुर्गी मे फैले Coryza के जीवाणु को खतम करता है, इसे पानी मे सुबह, शाम, एक लीटर पनि मे 4ML देना होता है, 7 दिन तक दें,
अगर आपको रेस्पीरोन ( Respiron ) दवाई नहीं मिलती तो आप एजिथ्रोमाइसिन पाउडर ( Azithromycin powder ) दे सकते है,

एजिथ्रोमाइसिन पाउडर ( Azithromycin powder ) को 5GM एक लीटर पानी मे घोल कर शुभ शाम पीने के लिय दें
Murgi ki ankh me sujan (coryza) ka elaj
आपके पास एक दो मुर्गी है तो आप एजिथ्रोमाइसिन टेबलेट मुर्गी को दे सकते है। जिस से कम खर्चा होता है,
दुपहर के पानी मे मल्टीविटामिन दें और रात के पानी मे लीवर टॉनिक दें।
जे दवाइयाँ और मेंटनस फार्म की सभी मुर्गियों के लिय है, अछि मुर्गी, कम बीमार मुर्गी , और बहुत ज्यादा बीमार मुर्गियों के लिय।
जिन मुर्गियों की आँखों मे सूजन है उनका इलाज़ के लिय थोड़ी ज्यादा मेहनत करने की जरुरत पड़ती है।
मुर्गी की आँख मे हल्की सूजन है, तो सबसे पहले आँखों को साफ करें,
जिसके लिय बोरिक ऐसिड ( Boric acid ) का इस्तिमल करें,

दिन मे एक बार बोरिक ऐसिड को पानी मे घोल कर मुर्गी की आँखों को साफ करें,
और आँखों मे जेंटामाइसिन ( gentamicin eye drops ) का ड्रॉप दें, दिन मे एक बार
जिन मुर्गियों की आँखें बंद हो गई है, एक तरफ बैठी रहती है, खाना पीना छोड़ दिया है।
उन मुर्गियों को ठीक करने के लिय फ़ीड, पानी , दवाई , हाथों से खिलना होगा।
जे मुर्गियाँ देख नहीं सकती जिस कारण भूख प्यास से कमजोर हो कर मारती है।
इन मुर्गियों को ठीक करने के लिय सबसे पहले आँखों के अंदर जमा सफेद हल्के पीले-नुमा पदार्थ को बाहर निकालना है।
मुर्गी की आँख को साफ करने के लिय जल्द बाजी बिल्कुल ना करें सावधानी और आराम से करें, नहीं तो मुर्गी की आँख खराब हो सकती है,
गंदगी को बाहर निकालने के बाद बोरिक ऐसिड ( Boric acid ) को पानी मे घोल कर मुर्गी की आँख को धो कर अछे से साफ करें।

और आँखों मे शुबह शाम जेंटामाइसिन ( gentamicin eye drops ) का ड्रॉप दें,
Coryza को खतम करने के लिय, जेंटामाइसिन ( gentamicin injection ) इन्जेक्शन को भी लगा सकते है,
जिस से तीन से चार दिन मे ही मुर्गियाँ स्वस्त हो जाती है, जिसके लिय कुछ सावधानिय रखने की जरुरत है
जेंटामाइसिन इन्जेक्शन ( gentamicin injection ) डॉस और देने का तरीका,
एक किलो की मुर्गी को 0.4 ML इन्जेक्शन देना है,
तीन से चार दिन मुर्गी को इंजेक्शन देने से पहले मुर्गी को देखें अगर मुर्गी अपने पैरों में खड़ी हो रही है,
तभी मुर्गी को टिका लगाना है नहीं तो मुर्गी टिके के असर को सम्भाल नहीं पायगी और मुर्गी मर भी सकती है।
अगर मुर्गी कमजोर है तो जेंटामाइसिन इन्जेक्शन ( gentamicin injection ) डॉस को कम कर दे सकते है।
कितना कम देना है, इसके लिय मुर्गी की उम्र, वजन, और मुर्गी के शरीर मे कितनी ताकत है, सभी को देख के डोसे को निर्धारित करें।
कम डोसे देने से मुर्गी को ठीक होने ज्यादा समय लगेगा, और ओवर डोसे से मुर्गी मर सकती है, अगर आपके पास अनुभव कम है तो किसी डॉक्टर से सलाह ले यां किसी एक्सपर्ट से सलाह लें यां आप हमारे साथ भी संपर्क कर सकते है।
सावधानियाँ
आपके फार्म की मुर्गियों को टीका लगाने से पहले दो से चार मुर्गियों को टीका लगाएं और चार से छे घंटे इंतिजर करें क्या परिणाम आता है। अगर परिणाम सही है तभी फार्म की सभी मुर्गियों को टीका लगायों, जिस से नुकसान होने का जोखिम कम हो जाता है।
सर्दी-जुखाम ( coryza ) के इलाज मे रखे जाने वाली सावधानिया-
coryza होने के लक्षण नजर आते ही मुर्गियों का इलाज शुरू कर दें।
साफसफाई का पूरा ध्यान रखें, किसी तरह की दवाई का उपयोग करने से पहले दो से चार मुर्गियों को दे कर चार से छे घंटे बाद परिणाम को देखें,
तभी अपने फार्म की सभी मुर्गियों को दवाई दें,
अगर आपको आपको दवाओं की जानकारी नहीं है
तो किसी एक्सपर्ट यां डाक्टर से बात करें जो आपको सही जानकारी दे सके और आपकी मुर्गी जल्दी से ठीक हो सके।
बीमार मुर्गी के इलाज के लिय संपर्क करें
अगर आपकी (Murgi ki ankh me sujan (coryza) ka elaj) मुर्गी बीमार है तो आप हमारे साथ संपर्क कर सकते है, हम हर संभव कोशिश करते है, जल्दी से जल्दी आपके सवालों के जबाब देने का,
हमारे साथ संपर्क करने से पहले, कुछ बातों को समझे
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इस लेख के महत्वपूर्ण वाक्य, Murgi ki ankh me sujan (coryza) ka elaj
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